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पाठ 1 - हमारे आसपास के पदार्थ



बिहार बोर्ड कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 2: क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं - प्रश्नों के समाधान

नीचे बिहार बोर्ड कक्षा 9 विज्ञान के अध्याय 2 "क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं?" के पाठ्यपुस्तक प्रश्नों और अभ्यास प्रश्नों के समाधान हिंदी में दिए गए हैं। ये समाधान NCERT पाठ्यक्रम पर आधारित हैं और सरल भाषा में तैयार किए गए हैं ताकि छात्रों को अवधारणाओं को समझने में आसानी हो।

प्रश्न श्रृंखला #01 (पृष्ठ संख्या 16)

प्रश्न 1: पदार्थ से आप क्या समझते हैं?

उत्तर:  पदार्थ वह सब कुछ है जो स्थान घेरता है, द्रव्यमान रखता है और जिसे हम अपनी इंद्रियों (जैसे स्पर्श, दृष्टि) से अनुभव कर सकते हैं। पदार्थ के तीन अवस्थाएँ होती हैं - ठोस, द्रव और गैस। उदाहरण के लिए, पानी, लकड़ी, हवा आदि पदार्थ हैं।

प्रश्न 2: मिश्रण और शुद्ध पदार्थ में क्या अंतर है?

उत्तर:  मिश्रण: मिश्रण में दो या दो से अधिक पदार्थ भौतिक रूप से मिले होते हैं, जिनके गुण अपने मूल पदार्थों जैसे ही रहते हैं। मिश्रण को भौतिक विधियों (जैसे छानना, आसवन) से अलग किया जा सकता है। उदाहरण: नमक और पानी का मिश्रण।  

शुद्ध पदार्थ: शुद्ध पदार्थ में केवल एक प्रकार का पदार्थ होता है, जिसके गुण निश्चित और एकसमान होते हैं। इसे भौतिक विधियों से अलग नहीं किया जा सकता। उदाहरण: शुद्ध जल, शुद्ध सोना।


प्रश्न 3: निम्नलिखित को पृथक करने के लिए आप किन विधियों को अपनाएंगे?

(क) सोडियम क्लोराइड को जल के विलयन से पृथक करने में।

(ख) अमोनियम क्लोराइड को सोडियम क्लोराइड और अमोनियम क्लोराइड के मिश्रण से पृथक करने में।

(ग) लोहे की पिनों को रेत से पृथक करने में।

(घ) तेल को जल से पृथक करने में।

(ङ) रंगीन पदार्थ को जल से पृथक करने में।  

उत्तर:(क) सोडियम क्लोराइड को जल के विलयन से पृथक करना: वाष्पन (Evaporation) विधि। विलयन को गर्म करने पर जल वाष्प बनकर उड़ जाता है और सोडियम क्लोराइड ठोस रूप में पीछे रह जाता है।

(ख) अमोनियम क्लोराइड को पृथक करना: ऊर्ध्वपातन (Sublimation) विधि। अमोनियम क्लोराइड ऊर्ध्वपातन करने वाला पदार्थ है, जो गर्म करने पर सीधे ठोस से गैस में बदल जाता है, जबकि सोडियम क्लोराइड पीछे रह जाता है।

(ग) लोहे की पिनों को रेत से पृथक करना: चुम्बकीय पृथक्करण (Magnetic Separation) विधि। चुम्बक का उपयोग करके लोहे की पिनों को रेत से अलग किया जा सकता है, क्योंकि लोहा चुम्बकीय होता है।

(घ) तेल को जल से पृथक करना: पृथक्करण कीप (Separating Funnel) विधि। तेल और जल मिश्रित नहीं होते, इसलिए पृथक्करण कीप में डालने पर तेल ऊपर और जल नीचे रहता है, जिसे अलग किया जा सकता है।

(ङ) रंगीन पदार्थ को जल से पृथक करना: क्रोमैटोग्राफी (Chromatography) विधि। इस विधि से रंगीन पदार्थ को जल से अलग किया जा सकता है, क्योंकि विभिन्न पदार्थ क्रोमैटोग्राफी कागज पर अलग-अलग गति से चलते हैं।

प्रश्न श्रृंखला #02 (पृष्ठ संख्या 22)

प्रश्न 1: निम्नलिखित मिश्रणों को उनके अवयवों में पृथक करने के लिए उपयुक्त पृथक्करण विधि का सुझाव दीजिए:

(क) दो या दो से अधिक रंगों से युक्त स्याही।(ख) जल में रेत और भूसी।(ग) गेहूँ, चीनी और रेशम के रेशे।(घ) नमक और अमोनियम क्लोराइड।(ङ) विभिन्न रंगों के वर्णक (पिगमेंट) युक्त पौधे।  

उत्तर:(क) स्याही: क्रोमैटोग्राफी। स्याही के विभिन्न रंगों को क्रोमैटोग्राफी कागज पर उनकी गति के आधार पर अलग किया जा सकता है।(ख) जल में रेत और भू дымка: अवसादन और डिकैन्टेशन (Sedimentation and Decantation)। रेत भारी होने के कारण नीचे बैठ जाएगी, और भूसी हल्की होने के कारण ऊपर तैरती रहेगी। जल को डिकैन्टेशन द्वारा अलग किया जा सकता है।(ग) गेहूँ, चीनी और रेशम के रेशे: छानना और चालना (Sieving)। रेशम के रेशों को छानकर अलग किया जा सकता है, फिर गेहूँ और चीनी को चालना द्वारा पृथक किया जा सकता है।(घ) नमक और अमोनियम क्लोराइड: ऊर्ध्वपातन। अमोनियम क्लोराइड गर्म करने पर गैस में बदल जाता है, जबकि नमक पीछे रहता है।(ङ) विभिन्न रंगों के वर्णक: क्रोमैटोग्राफी। पौधे के वर्णकों को क्रोमैटोग्रfarinography द्वारा उनकी गति के आधार पर अलग किया जा सकता है।

प्रश्न 2: निलंबन और कोलॉइड में क्या अंतर है?

उत्तर:  

निलंबन (Suspension):  

निलंबन में कण बड़े होते हैं और आँखों से दिखाई देते हैं।  

यह अस्थायी होता है और कण समय के साथ नीचे बैठ जाते हैं।  

उदाहरण: रेत और जल का मिश्रण।

कोलॉइड (Colloid):  

कोलॉइड में कण छोटे होते हैं, जो आँखों से दिखाई नहीं देते, लेकिन प्रकाश को प्रकीर्ण करते हैं (टिण्डल प्रभाव)।  

यह स्थायी होता है और कण नीचे नहीं बैठते।  

उदाहरण: दूध, कोहरा।


प्रश्न 3: निम्नलिखित में से प्रत्येक को मिश्रण और यौगिक के रूप में वर्गीकृत कीजिए:

(क) समुद्री जल  (ख) शुद्ध जल. (ग) मिट्टी. (घ) हवा  

उत्तर:(क) समुद्री जल: मिश्रण (नमक, जल और अन्य पदार्थों का मिश्रण)।

(ख) शुद्ध जल: यौगिक (हाइड्रोजन और ऑक्सीजन रासायनिक रूप से संयुक्त)।

(ग) मिट्टी: मिश्रण (विभिन्न खनिज, कार्बनिक पदार्थ और पानी का मिश्रण)।

(घ) हवा: मिश्रण (नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड आदि गैसों का मिश्रण)।

अभ्यास प्रश्न (NCERT पाठ्यपुस्तक के अंत में)

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से प्रत्येक को शुद्ध पदार्थ और मिश्रण के रूप में वर्गीकृत कीजिए:

(क) सोडा जल(ख) मिट्टी(ग) लकड़ी(घ) हवा(ङ) जल(च) ग्लूकोज(छ) रक्त  

उत्तर:(क) सोडा जल: मिश्रण (जल, कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य पदार्थों का मिश्रण)।(ख) मिट्टी: मिश्रण (विभिन्न खनिज और कार्बनिक पदार्थ)।(ग) लकड़ी: मिश्रण (सेलूलोज, लिग्निन और अन्य पदार्थ)।(घ) हवा: मिश्रण (विभिन्न गैसों का मिश्रण)।(ङ) जल: यौगिक (हाइड्रोजन और ऑक्सीजन रासायनिक रूप से संयुक्त)।(च) ग्लूकोज: यौगिक (निश्चित रासायनिक संरचना वाला शुद्ध पदार्थ)।(छ) रक्त: मिश्रण (प्लाज्मा, लाल रक्त कोशिकाएँ, श्वेत रक्त कोशिकाएँ आदि का मिश्रण)।

प्रश्न 2: निम्नलिखित को समांगी और विषमांगी मिश्रण के रूप में वर्गीकृत कीजिए:

(क) सोडा जल(ख) लकड़ी(ग) मिट्टी(घ) हवा(ङ) नमक का विलयन  

उत्तर:(क) सोडा जल: समांगी मिश्रण (समान रूप से मिश्रित, एकसमान रचना)। 

(ख) लकड़ी: विषमांगी मिश्रण (असमान रचना, विभिन्न भाग दिखाई देते हैं)।

(ग) मिट्टी: विषमांगी मिश्रण (असमान रचना, विभिन्न कण दिखाई देते हैं)।

(घ) हवा: समांगी मिश्रण (गैसें समान रूप से मिश्रित)।

(ङ) नमक का विलयन: समांगी मिश्रण (नमक और जल पूरी तरह मिश्रित)।

प्रश्न 3: टिण्डल प्रभाव क्या है? इसे प्रदर्शित करने के लिए आप कौन-सी गतिविधि करेंगे?

उत्तर:टिण्डल प्रभाव: यह प्रकाश का प्रकीर्णन है, जो कोलॉइडी कणों द्वारा होता है। जब प्रकाश किरण कोलॉइड से होकर गुजरती है, तो कण प्रकाश को प्रकीर्ण करते हैं, जिससे प्रकाश का पथ दिखाई देता है। यह प्रभाव शुद्ध विलयन या निलंबन में नहीं देखा जाता।  

गतिविधि:  

दो गिलास लें। एक में शुद्ध जल और दूसरे में दूध मिला जल (कोलॉइड) डालें।  

दोनों गिलासों पर एक टॉर्च की किरण डालें।  

शुद्ध जल में प्रकाश का पथ दिखाई नहीं देगा, जबकि दूध मिले जल में प्रकाश का पथ दिखाई देगा, क्योंकि दूध एक कोलॉइड है और टिण्डल प्रभाव प्रदर्शित करता है।


प्रश्न 4: निम्नलिखित में से प्रत्येक को विलयन, निलंबन और कोलॉइड के रूप में वर्गीकृत कीजिए:

(क) कोहरा(ख) समुद्री जल(ग) रेत और जल का मिश्रण(घ) दूध  

उत्तर:(क) कोहरा: कोलॉइड (जल की बूँदें हवा में बिखरी हुई)। 

(ख) समुद्री जल: विलयन (नमक और अन्य पदार्थ जल में घुले हुए)।

(ग) रेत और जल का मिश्रण: निलंबन (रेत के कण जल में तैरते हैं और समय के साथ नीचे बैठ जाते हैं)।

(घ) दूध: कोलॉइड (वसा के कण जल में बिखरे हुए)।

प्रश्न 5: निम्नलिखित को तत्व, यौगिक और मिश्रण के रूप में वर्गीकृत कीजिए:

(क) हीरा(ख) जल(ग) स्टील(घ) शराब  

उत्तर:(क) हीरा: तत्व (शुद्ध कार्बन का एक रूप)।

(ख) जल: यौगिक (हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का रासायनिक संयोजन)।

(ग) स्टील: मिश्रण (लोहा और कार्बन आदि का मिश्रण)।(घ) शराब: मिश्रण (इथेनॉल और जल का मिश्रण)।

अतिरिक्त महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न 1: क्रिस्टलीकरण क्या है? इसका उपयोग कब किया जाता है?

उत्तर:क्रिस्टलीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी विलयन से शुद्ध ठोस पदार्थ को क्रिस्टल के रूप में प्राप्त किया जाता है। इसका उपयोग तब किया जाता है जब किसी मिश्रण से शुद्ध ठोस पदार्थ को अलग करना हो, जैसे समुद्री जल से नमक प्राप्त करना।

प्रश्न 2: टिण्डल प्रभाव क्या है?

उत्तर:टिण्डल प्रभाव वह प्रक्रिया है जिसमें प्रकाश किरण कोलॉइडी कणों द्वारा प्रकीर्ण हो जाती है। यह प्रभाव कोलॉइड में देखा जाता है, जैसे दूध या कोहरे में, लेकिन शुद्ध विलयन या निलंबन में नहीं।


==नोट्===

यह अध्याय पदार्थ की शुद्धता, मिश्रण, यौगिक, और विभिन्न पृथक्करण विधियों जैसे वाष्पन, ऊर्ध्वपातन, क्रोमैटोग्राफी आदि पर केंद्रित है।  

छात्रों को इन अवधारणाओं को समझने के लिए व्यावहारिक उदाहरणों और प्रयोगों पर ध्यान देना चाहिए।  


परीक्षा की तैयारी के लिए MCQs और वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का अभ्यास करें


बिहार बोर्ड कक्षा 9 विज्ञान: पाठ 1 - हमारे आसपास के पदार्थ

परिचय

हमारे आसपास का विश्व विभिन्न प्रकार के पदार्थों से बना है, जैसे हवा, पानी, मिट्टी, भोजन आदि। यह पाठ हमें पदार्थ की प्रकृति, इसके भौतिक गुणों, अवस्थाओं (ठोस, द्रव, गैस)​, और अवस्था परिवर्तन के बारे में समझाता है। यह अध्याय हमें यह भी बताता है कि पदार्थ कैसे व्यवहार करता है और पर्यावरण में इसके महत्व को समझने में मदद करता है।

मुख्य बिंदु

1. पदार्थ की परिभाषा


पदार्थ: वह सब कुछ जो स्थान घेरता है, द्रव्यमान रखता है, और जिसे हम अपनी इंद्रियों (देखना, छूना, सूंघना आदि) से अनुभव कर सकते हैं, पदार्थ कहलाता है।

उदाहरण: पानी, हवा, लकड़ी, लोहा, चीनी आदि।



विशेषताएँ:

पदार्थ कणों (particles) से बना होता है।

ये कण सूक्ष्म (microscopic) होते हैं और निरंतर गति में रहते हैं।

कणों के बीच रिक्त स्थान और आकर्षण बल होता है।




2. पदार्थ की भौतिक प्रकृति


पदार्थ की तीन मुख्य अवस्थाएँ हैं: ठोस, द्रव, और गैस।

ठोस (Solid):

निश्चित आकार और आयतन।

कण एक-दूसरे के बहुत करीब, मजबूत आकर्षण बल।

कणों की गति कम (केवल कंपन)।

उदाहरण: लकड़ी, पत्थर, बर्फ।



द्रव (Liquid):

निश्चित आयतन, लेकिन आकार अनिश्चित (बर्तन के अनुसार बदलता है)।

कण ठोस की तुलना में कम निकट, मध्यम आकर्षण बल।

कण स्वतंत्र रूप से गति कर सकते हैं।

उदाहरण: पानी, तेल, दूध।



गैस (Gas):

निश्चित आकार और आयतन नहीं।

कण बहुत दूर, कमजोर आकर्षण बल।

कण तेजी से और स्वतंत्र रूप से गति करते हैं।

उदाहरण: हवा, ऑक्सीजन, हाइड्रोजन।





अन्य अवस्थाएँ: प्लाज्मा (उच्च तापमान पर आयनित गैस, जैसे सूर्य में) और बोस-आइंस्टीन कंडेंसेट (अति-निम्न तापमान पर)।


3. पदार्थ की विशेषताएँ


कणों की गति: सभी पदार्थों के कण निरंतर गति में रहते हैं। गति तापमान बढ़ने पर बढ़ती है।

कणों के बीच रिक्त स्थान:

ठोस में बहुत कम, द्रव में मध्यम, और गैस में बहुत अधिक।



आकर्षण बल:

ठोस में सबसे अधिक, द्रव में मध्यम, और गैस में सबसे कम।



प्रसार (Diffusion):

जब दो पदार्थों के कण आपस में मिलते हैं, जैसे परफ्यूम की गंध हवा में फैलना।

गैस में प्रसार सबसे तेज, द्रव में मध्यम, और ठोस में सबसे धीमा।




4. पदार्थ की अवस्था परिवर्तन

पदार्थ एक अवस्था से दूसरी अवस्था में परिवर्तित हो सकता है, जब तापमान या दबाव बदलता है।


गलन (Melting):


ठोस → द्रव (उदाहरण: बर्फ का पानी बनना)।

गलनांक: वह तापमान जिस पर ठोस द्रव में बदलता है (बर्फ का गलनांक: 0°C)।



जमना (Freezing):


द्रव → ठोस (उदाहरण: पानी का बर्फ बनना)।

हिमांक: वह तापमान जिस पर द्रव ठोस में बदलता है (पानी का हिमांक: 0°C)।



वाष्पन (Vaporisation):


द्रव → गैस (उदाहरण: पानी का भाप बनना)।

क्वथनांक: वह तापमान जिस पर द्रव गैस में बदलता है (पानी का क्वथनांक: 100°C)।



संघनन (Condensation):


गैस → द्रव (उदाहरण: भाप का पानी बनना)।



उदात्तीकरण (Sublimation):


ठोस → गैस (बिना द्रव बने)।

उदाहरण: कपूर या नेफ्थलीन का गायब होना।



निक्षेपण (Deposition):


गैस → ठोस (उदाहरण: ठंडी सतह पर बर्फ का जमना)।



प्रभावित करने वाले कारक:


तापमान: तापमान बढ़ाने से कणों की गतिज ऊर्जा बढ़ती है, जिससे अवस्था परिवर्तन होता है।

दबाव: दबाव बढ़ाने से गैस द्रव या ठोस में बदल सकती है।




5. गुप्त ऊष्मा (Latent Heat)


परिभाषा: वह ऊष्मा जो अवस्था परिवर्तन के दौरान अवशोषित या मुक्त होती है, लेकिन तापमान में बदलाव नहीं होता।

प्रकार:

गलन की गुप्त ऊष्मा: ठोस को द्रव में बदलने के लिए आवश्यक ऊष्मा (उदाहरण: बर्फ को पानी में बदलने के लिए)।

वाष्पन की गुप्त ऊष्मा: द्रव को गैस में बदलने के लिए आवश्यक ऊष्मा (उदाहरण: पानी को भाप में बदलने के लिए)।



उदाहरण: 0°C पर बर्फ को पानी में बदलने के लिए अतिरिक्त ऊष्मा चाहिए, लेकिन तापमान 0°C ही रहता है।


6. वाष्पीकरण (Evaporation)


परिभाषा: द्रव का सतह से गैस में बदलने की प्रक्रिया, जो क्वथनांक से नीचे होती है।

उदाहरण: गीले कपड़ों का सूखना, त्वचा पर पसीने का सूखना।

प्रभावित करने वाले कारक:

सतह क्षेत्र: अधिक सतह क्षेत्र, अधिक वाष्पीकरण।

तापमान: उच्च तापमान पर वाष्पीकरण तेज होता है।

हवा की गति: तेज हवा वाष्पीकरण को बढ़ाती है।

आर्द्रता: कम आर्द्रता में वाष्पीकरण अधिक होता है।



वाष्पीकरण का शीतलन प्रभाव: वाष्पीकरण के दौरान द्रव के कण ऊष्मा अवशोषित करते हैं, जिससे सतह ठंडी हो जाती है (उदाहरण: पसीना सूखने पर ठंडक महसूस होना)।


7. पदार्थ का वर्गीकरण


भौतिक वर्गीकरण: ठोस, द्रव, गैस।

रासायनिक वर्गीकरण:

तत्व: जैसे लोहा, ऑक्सीजन।

यौगिक: जैसे पानी (H₂O), नमक (NaCl)।

मिश्रण: जैसे हवा, समुद्री जल।



ठोस के प्रकार:

क्रिस्टलीय: निश्चित संरचना (उदाहरण: नमक, हीरा)।

अक्रिस्टलीय: अनिश्चित संरचना (उदाहरण: कांच, रबर)।




8. महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर


प्रश्न 1: पदार्थ क्या है? उदाहरण दीजिए।

उत्तर: पदार्थ वह है जो स्थान घेरता है और द्रव्यमान रखता है। उदाहरण: पानी, हवा, लकड़ी।



प्रश्न 2: ठोस, द्रव और गैस में कणों की स्थिति और गति में अंतर बताइए।

उत्तर: 

ठोस: कण पास-पास, कम गति (केवल कंपन)।

द्रव: कण मध्यम दूरी पर, अधिक गति।

गैस: कण बहुत दूर, तेज गति।





प्रश्न 3: वाष्पीकरण को प्रभावित करने वाले कारक क्या हैं?

उत्तर: सतह क्षेत्र, तापमान, हवा की गति, और आर्द्रता।



प्रश्न 4: गुप्त ऊष्मा क्या है? एक उदाहरण दीजिए।

उत्तर: गुप्त ऊष्मा वह ऊष्मा है जो अवस्था परिवर्तन के दौरान अवशोषित होती है, लेकिन तापमान नहीं बदलता। उदाहरण: बर्फ का 0°C पर पानी बनना।




9. प्रयोग


वाष्पीकरण का प्रदर्शन:

दो बर्तनों में समान मात्रा में पानी लें।

एक को खुला और दूसरे को ढककर रखें।

खुला बर्तन जल्दी सूखेगा, क्योंकि वाष्पीकरण तेज होगा।



गलनांक का मापन:

बर्फ को गर्म करें और थर्मामीटर से तापमान नोट करें।

यह 0°C पर स्थिर रहेगा जब तक बर्फ पूरी तरह पिघल नहीं जाती।



प्रसार का प्रदर्शन:

एक गिलास पानी में स्याही की बूंद डालें।

स्याही धीरे-धीरे फैलती है, जो कणों की गति और प्रसार को दर्शाता है।




10. निष्कर्ष

पदार्थ हमारे आसपास का आधार है, और इसकी विभिन्न अवस्थाएँ (ठोस, द्रव, गैस) जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इस अध्याय से हमने पदार्थ की प्रकृति, इसके कणों की विशेषताएँ, अवस्था परिवर्तन, और वाष्पीकरण जैसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों को समझा। यह ज्ञान हमें पर्यावरण, मौसम, और दैनिक जीवन की प्रक्रियाओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है।




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